एक शांत से मेक्सिकन मछली पकड़ने वाले गाँव में, एक अमेरिकी प्रोफेसर छुट्टियाँ मना रहे थे। उन्होंने देखा कि एक स्थानीय मछुआरा सुबह ही अपनी मछलियाँ पकड़कर लौट रहा है। प्रोफेसर एक प्रतिष्ठित बिज़नेस स्कूल में पढ़ाते थे और अपने अनुभव के अनुसार, उन्होंने उस मछुआरे को थोड़ी “मुफ्त सलाह” देना ज़रूरी समझा।
“अरे!” प्रोफेसर ने कहा, “इतनी जल्दी काम खत्म क्यों कर रहे हो?”
“क्योंकि, सीनियर,” मछुआरे ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मैंने आज उतनी मछलियाँ पकड़ ली हैं जो मेरे परिवार के लिए काफी हैं, और थोड़ी सी अतिरिक्त बेचने के लिए भी है। अब मैं अपनी पत्नी के साथ दोपहर का खाना खाऊँगा, फिर थोड़ी सी सीएस्ता (दोपहर की झपकी), शाम को बच्चों के साथ खेलूँगा, रात को खाना खाऊँगा और फिर दोस्तों के साथ कैंटीना में जाकर गिटार बजाऊँगा और थोड़ा टकीला पियूँगा। मेरे लिए इतना काफी है, सीनियर।”
प्रोफेसर अब समझाने लगे, “सुनो मेरे दोस्त! अगर तुम दोपहर तक और मछली पकड़ते, तो दुगनी कमाई कर सकते थे। कुछ ही महीनों में तुम एक और बड़ी नाव खरीद सकते हो, कुछ लोग काम पर रख सकते हो… फिर तुम चार गुना मछली पकड़ोगे। पैसे बढ़ते जाएंगे! एक-दो साल में दूसरा जहाज़, फिर तीसरा, फिर पूरी एक मछली पकड़ने की कंपनी!”
“तुम्हें फिर मेक्सिको सिटी या लॉस एंजेलेस में अपना हेड ऑफिस खोलना चाहिए। वहाँ से तीन-चार साल में कंपनी को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवा देना… और फिर खुद को CEO बना लेना—बड़ा सैलरी पैकेज, शेयर ऑप्शन्स और सब कुछ! फिर कंपनी के शेयर बाय-बैक करवा कर करोड़पति बन जाओगे! मैं एक प्रसिद्ध बिज़नेस स्कूल का प्रोफेसर हूँ, मुझे पता है ये सब कैसे होता है!”
मछुआरा शांति से सुनता रहा, फिर बड़ी सहजता से पूछा, “लेकिन सीनियर प्रोफेसर, फिर मैं उन करोड़ों रुपयों का क्या करूँगा?”
प्रोफेसर थोड़े अटके… उन्होंने कभी इस योजना को वहाँ तक सोचा ही नहीं था। लेकिन जल्दी से बोले, “अरे, मेरे दोस्त! फिर तुम रिटायर हो जाओगे! एक छोटे से खूबसूरत मछली गाँव में घर खरीद लोगे, जहाँ तुम रोज़ सुबह मछली पकड़ने जा सको। दोपहर में अपनी पत्नी के साथ खाना खा सको, फिर एक मीठी सी नींद ले सको। शाम को बच्चों के साथ समय बिताओ, और रात को दोस्तों के साथ कैंटीना में टकीला पियो और गिटार बजाओ। यही तो असली ज़िंदगी है!”
मछुआरे ने मुस्कुरा कर कहा, “लेकिन सीनियर प्रोफेसर… मैं तो ये सब पहले से ही कर रहा हूँ।”
तो फिर हम क्यों मानते हैं कि पहले बहुत दौलत कमानी पड़ेगी, बहुत भाग-दौड़ करनी होगी… तब कहीं जाकर हमें सच्चा सुख मिलेगा?
कभी-कभी, हम जिस जीवन के लिए वर्षों संघर्ष करते हैं… वो किसी और के लिए बस एक साधारण दिन हो सकता है।