मुझे पर्थ में एक शिक्षा संगोष्ठी में मुख्य भाषण देने का निमंत्रण मिला था। मैंने सोचा, “क्यों?” वहाँ पहुँचा, तो आयोजक महिला ने मुस्कुराते हुए स्वागत किया और पूछा, “क्या आपको मैं याद हूँ?”
अब यह तो बहुत खतरनाक सवाल होता है।
मैंने ईमानदारी से कह दिया, “नहीं।”
वो मुस्कुराईं और बताया कि सात साल पहले मैंने उनके स्कूल में एक प्रवचन दिया था। उस प्रवचन में सुनाई गई एक कहानी ने उनकी ज़िंदगी की दिशा ही बदल दी। उन्होंने प्रिंसिपल पद से इस्तीफ़ा दे दिया और फिर उन बच्चों के लिए एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया जो शिक्षा व्यवस्था से बाहर हो चुके थे—गली के बच्चे, कम उम्र की लड़कियाँ जो देह व्यापार में फँस चुकी थीं, नशे की लत वाले युवा—ताकि उन्हें उनकी परिस्थितियों के अनुसार एक नया अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आधार वह कहानी बनी।
वह कहानी मैंने छात्र जीवन में लियो टॉलस्टॉय की एक पुस्तक में पढ़ी थी।
बहुत समय पहले, एक सम्राट ने जीवन के लिए एक दर्शन की खोज शुरू की। उसे ऐसी बुद्धिमत्ता चाहिए थी जिससे वह खुद को और अपने साम्राज्य को अच्छी तरह चला सके। धर्म और दर्शन उसे तसल्ली नहीं दे पाए। अंततः उसने अनुभव से सीखना शुरू किया।
आख़िरकार, वह इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि उसे केवल तीन सवालों के उत्तर चाहिए। अगर वो मिल जाएँ, तो बाकी सब स्पष्ट हो जाएगा। वो सवाल थे:
बहुत लंबी खोज के बाद, जो मूल कहानी का बड़ा हिस्सा है, उसे एक तपस्वी से इन प्रश्नों के उत्तर मिले।
अब रुकिए। एक बार फिर से उन तीन सवालों को देखिए। और सोचिए कि आप क्या उत्तर देंगे। फिर आगे पढ़िए।
अब, यही समय। वर्तमान। यही एकमात्र समय है जो हमारे पास सच में है।
अगर आप अपने माता-पिता से कहना चाहते हैं कि आप उनसे कितना प्रेम करते हैं, तो अभी कहिए। अगर अपने साथी से माफ़ी माँगनी है, तो अब कीजिए। आने वाले पाँच मिनट बाद शायद देर हो जाए। समय को पकड़ लीजिए।
जिसके साथ आप इस क्षण हैं।
जब आप किसी के साथ होते हैं—चाहे वह बच्चा हो या बुज़ुर्ग, ग्राहक हो या जीवनसाथी—अगर आप उसे यह महसूस करवा सकें कि वह इस समय आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, तो यही सच्चा संवाद और प्रेम होता है। वो व्यक्ति महसूस करता है, और गहराई से जुड़ाव होता है।
कई बार पति-पत्नी शिकायत करते हैं कि उनका साथी “सुनता नहीं।” असल में, वे कहना चाहते हैं कि उन्हें अब अहमियत नहीं दी जाती। अगर सब लोग यह बात समझ जाएँ, तो शायद तलाक़ के वकीलों का काम ही ख़त्म हो जाए।
व्यवसाय में भी यही बात लागू होती है। यदि आप अपने ग्राहक को यह महसूस करवा पाएं कि वह इस समय आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, तो बिक्री भी बढ़ेगी और आपकी आय भी।
मैंने जब यह कहानी साझा की थी, तो उस महिला ने इसे बच्चों के साथ प्रयोग किया। जब वो बच्चों से पहली बार मिलीं, उन्होंने उन्हें पूर्ण महत्व दिया। बच्चों ने पहली बार महसूस किया कि कोई उन्हें समझने आया है, जज करने नहीं। उन्होंने ध्यान से सुना। और फिर उनके अनुसार कार्यक्रम तैयार किया गया।
मेरे बाद एक बच्चा मंच पर आया। उसने अपने संघर्ष—परिवारिक कठिनाइयों, नशे और अपराध—की कहानी सुनाई। और यह भी बताया कि कैसे इस कार्यक्रम ने उसे दोबारा उम्मीद दी। अब वह विश्वविद्यालय जाने की तैयारी कर रहा है।
मेरे लिए वही असली “मुख्य भाषण” था।
देखभाल करना।
इसका अर्थ है कि हम जो भी करें, सावधानी और करुणा के साथ करें। यह इस बात से जुड़ा है कि हम किस भाव से कुछ कर रहे हैं।
अब एक बार फिर से इन तीन सवालों और उत्तरों को संक्षेप में देखिए:
बस, यही तीन सूत्र पूरे जीवन के लिए काफी हैं।